Welcome to Gandhi Satabdi Smarak College

शिक्षा जगत में अपनी स्वतन्त्र पहचान के लिए विख्यात आजमगढ़ जनपद के पश्चिमांचल में स्थित यह महाविद्यालय माँ भारती की अहर्निश अलख जगाने वाले महान शिक्षा सेवी स्व० रमाशंकर सिंह द्वारा सन १९७१ ई० में स्थापित हुआ था | इसके उदभव में स्वतन्त्र भारत के जन्मदाता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी पर्व का पावन संकल्प था,जिसकी स्मृति को चिरस्थायी रूप प्रदान करने तथा जिसके आदर्शो तथा सिद्धान्तों के समुन्नयन हेतु इस उच्च शिक्षा केंद्र की स्थापना हुई थी | प्रारम्भ में इस महाविद्यालय को हिन्दी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, प्राचीन इतिहास, राजनीति शास्त्र तथा भूगोल विषय में मान्यता प्राप्त हुई | सन १९८५ ई० में लक्ष्य के प्रति समर्पित उत्कृष्ट कर्मयोगी स्व० श्री रमाशंकर जी के सत्प्रयासों तथा महाविद्यालय की उपलब्धियों को देखने हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा इसे दर्शनशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर कक्षा की मान्यता प्राप्त हुई | वर्तमान प्रबंधक श्री रामअवध सिंह के सत्प्रयासों से सत्र २००५-०६ से स्ववित्तापोषित पाठ्यक्रम के अन्तर्गत संस्कृत एवं हिन्दी विषयों में भी एम० ए० स्तर पर कक्षाओं प्रारम्भ हो गई हैं | स्नातक स्तर पर गृहविज्ञान एवं शिक्षाशास्त्र तथा स्नातकोत्तर स्तर पर भूगोल एवं समाजशास्त्र विषयों में संबद्धता के लिए महाविद्यालय प्रयत्नशील है | विभिन्न सोपानों से विकसित होता हुआ यह महाविद्यालय अनुशासन एवं परीक्षाफल में गोरखपुर विश्वविद्यालय तथा अब पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में श्रेष्ठ स्थान रखता हैं | वर्तमान संरक्षक एवं व्यवस्थापक श्री रामअवध सिंह जी के सत्प्रयासों से यह महाविद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं |

सत्य, अहिंसा एवं प्रेम महाविद्यालय का सिद्धान्त वाक्य हैं | महाविद्यालय के सभी क्रियाकलाप स्वदेश-प्रेम, राष्ट्रिय एकता-अखंडता, मानव-सेवा, विश्व-बंधुत्व तथा जीवन में उच्चादर्शों की स्थापना पर आधारित हैं, जिसका सन्देश राष्ट्रपति का अभिप्रेत था | उत्कृष्ट शिक्षा द्वारा प्रखर, उन्नत, विकसित, कर्मनिष्ठ, अनुशासित युवा-पीढ़ी का निर्माण ही महाविद्यालय का मुख्य लक्ष्य हैं |

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